एकेएसयू सतना के विधि संकाय के शोधार्थी प्रशान्त कुमार का शोध पत्र प्रकाशित। शोध निदेशक डॉ.सुधीर कुमार जैन ।

एकेएसयू सतना के विधि संकाय के शोधार्थी प्रशान्त कुमार का शोध पत्र प्रकाशित। शोध निदेशक डॉ.सुधीर कुमार जैन ।
सतना। सोमवार 18 अगस्त। एकेएसयू सतना के विधि संकाय के शोधार्थी प्रशान्त कुमार का शोध पत्र प्रकाशित हुआ है।उनके शोध निदेशक डॉ.सुधीर कुमार जैन हैं ।शोधपत्र, ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ सोशल साइंस एंड मैनेजमेंट स्ट्डीज’ जर्नल में इवेल्यूएटिंग द इंपैक्ट का ए यूनिफॉर्म सिविल कोड ऑन वूमेन’ राइट्स स इन्हेरिटेंस एंड प्रॉपर्टी राइट्स है। “महिलाओं के उत्तराधिकार और संपत्ति अधिकारों पर समान नागरिक संहिता के प्रभाव का मूल्यांकन शीर्षक से प्रकाशित यह शोध जर्नल आईएसएसएन 2454 – 4655,वॉल्यूम – 06, जुलाई 2025) इंडेक्सिंग एंड इंपैक्ट फैक्टर 5.2 है। यह एक पीर रिव्यूड एंड रिफर्ड जर्नल है।
शोध पत्र में भारत में समान नागरिक संहिता को अपनाने से उत्तराधिकार, विरासत और स्वामित्व के मामलों में लैंगिक समानता कैसे प्रभावित हो सकती है। वर्तमान में, संपत्ति और विरासत को नियंत्रित करने वाले व्यक्तिगत कानून विभिन्न धार्मिक समुदायों में अलग-अलग हैं, जो अक्सर लैंगिक असमानताओं को बढ़ावा देते हैं। खासकर हिंदू, मुस्लिम और ईसाई कानूनों में जहाँ संवैधानिक गारंटी समानता को बढ़ावा देती है, वहीं मौजूदा व्यक्तिगत कानून कभी-कभी महिलाओं के पैतृक संपत्ति, वैवाहिक संपत्ति और विरासत में हिस्सेदारी के अधिकारों को सीमित करते हैं। शोध में तर्क दिया गया है कि यद्यपि यूसीसी में महिलाओं के उत्तराधिकार और संपत्ति के अधिकारों को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाने की क्षमता है, लेकिन इसकी प्रभावशीलता सावधानीपूर्वक मसौदा तैयार करने, सार्वजनिक सहमति बनाने और प्रवर्तन तंत्र और कानूनी साक्षरता में पूरक सुधारों पर निर्भर करेगी। इस शोध कार्य पर विश्वविद्यालय प्रबंधन एवं विश्वविद्यालय के समस्त विभागों के विद्वान प्राध्यापकों ने प्रशान्त कुमार को शुभकामनाएं दी।

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