एकेएस विश्वविद्यालय में हरियाली तीज महोत्सव का भव्य आयोजन, देशज गीतों और लोक नृत्य से सजा सांस्कृतिक मंच।
सतना | 28 जुलाई 2025, सोमवार।
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना के परिसर में हरियाली तीज महोत्सव पारंपरिक उल्लास, नारी गरिमा और सांस्कृतिक चेतना के साथ हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया। प्रकृति, प्रेम और स्त्री सौभाग्य को समर्पित इस पर्व को विश्वविद्यालय ने देशज लोक संस्कृति के रंग में रंग कर मनाया, जिसमें छात्राओं की सहभागिता ने आयोजन को जीवंत कर दिया। कार्यक्रम वीमेन डेवलपमेंट सेंटर और एजुकेशन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ। महोत्सव का शुभारंभ विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर श्री अनंत कुमार सोनी, कुलपति प्रो. बी.ए.चौपडे, एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती नलिनी चौपडे के मुख्य आतिथ्य में हुआ। उद्बोधन में अतिथियों ने तीज पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला और बेटियों के जीवन में इस उत्सव की भावनात्मक भूमिका को रेखांकित किया। कार्यक्रम में वीमेन डेवलपमेंट सेंटर की डायरेक्टर श्रीमती प्रियंका बागरी,डॉ. सुधा अग्रवाल, सीमा द्विवेदी, राफिया आमीन एवं मधु गुप्ता की सक्रिय उपस्थिति रही। छात्राओं ने मेहंदी प्रतियोगिता, देशज लोकगीत एवं नृत्य प्रतियोगिता में पारंपरिक परिधानों के साथ बढ़-चढ़कर भाग लिया। सांस्कृतिक मंच पर जैसे ही छात्राओं की टोली ने “ए जी पलट निहारें वैदेही…” गाया, दर्शक भावविभोर हो उठे। इसके साथ “काहे को ब्याही बिदेस”, “तोहरे कंगना से बजन बा पायलिया”, “सावन आयो रे…” जैसे लोकगीतों की मधुर स्वर-लहरियाँ पूरे सभागार में गूंज उठीं। नृत्य प्रस्तुतियों में “घुंघटा हटाके देख लो राजा जी…” और “नाचे रे मइया के अंगना में कजरारी” जैसी प्रस्तुतियों ने ग्रामीण अंचल के सांस्कृतिक सौंदर्य को मंच पर जीवंत कर दिया। एजुकेशन विभाग की डॉ. शिखा द्विवेदी, श्रीमती कल्पना मिश्रा, एवं श्रीमती नीता सिंह गहरवार की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष गरिमा प्रदान की। विजेता छात्राओं को प्रमाण-पत्र एवं शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया। हरियाली तीज महोत्सव नारी सशक्तिकरण, पारंपरिक मूल्यों और भारतीय लोक संस्कृति की सामूहिक अभिव्यक्ति बना। यह आयोजन न सिर्फ एक पर्व का उत्सव था, बल्कि एक सामाजिक-सांस्कृतिक संवाद भी, जिसने सभी को अपनी जड़ों से जोड़ने का कार्य किया।